Facebook Badge

रविवार, 14 जून 2015

हम मारे जाएंगे


हमने पहचान ली हैं
सलवटें समय की
सफेद चादर में ढकी हुईं
हम मारे जाएंगे,
हमने देख लिया है
जहर से ढका हुआ
अमृत-घट
हम मारे जाएंगे,
कर लिया है हिसाब
साँसों, धड़कनों और फेफडे‌ में भरी हवा का
उनके और अपने
इसलिए हम मारे जाएंगे
इस तमाम करणों के बीच
क्या सच-मुच जिंदा हैं हम
इस डर के साथ कि हम मारे जाएँगे